उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को नोएडा में 19 परियोजनाओं का उद्गाटन एवं शिलान्यास कर जिले को 2821 करोड़ रुपए की सौगात दी। इस मौके पर योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था लागू करना एक चुनौती थी लेकिन हमने नोएडा जैसा स्मार्ट शहर के लिए स्मार्ट पुलिसिंग सिस्टम(कमिश्नरी प्रणाली) देने का काम किया है। सीएम योगी अपने कार्यकाल में नौवीं बार नोएडा पहुंचे थे।
औद्योगिक मंत्री सतीश महाना भी मौजूद थे। परियोजनाओं के शिलान्यास करने के बाद सीएम योगी ने लोगों को संबोधित भी किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सबको साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं और प्रधानमंत्री की स्मार्ट सिटी योजना का संकल्प पूरा हो रहा है। वहीं यूथ के लिए स्टार्टअप हब भी शुरू होने जा रहा है।
हर जिले में युवाओं के लिए युवा हब बना रहे हैं - योगी
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश सरकार हर जनपद में युवाओं के लिए युवा हब बना रहे हैं और हर हब से 5 हजार युवाओं को जोड़ने का प्रयास है। अप्रेंटिस योजना में 2500 रुपये मासिक मानदेय देंगे। विकास की सकारात्क सोच का परिणाम जेवर एयरपोर्ट है, जेवर के एयरपोर्ट पर लाखों युवाओ को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि बेहतर कानून व्यस्था पहले चैलेंज था स्मार्ट सिटी के लिए स्मार्ट पुलिस दी।
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया का नया हब नोएडा बना है मीडिया सकारत्मक रोल अदा कर सकती है मीडिया हमारी अच्छाई आगे बढ़ाए लोग प्रेरित होंगे। पीएम हमेशा कहते हैं लोगों के लिए काम करो, जीवन सुलभ बनाओ। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि मल्टीलेवल पार्किंग का लाभ लें सड़क पर कार चोरी हो सकती है। हमने 2821 करोड़ की योजनाओं का तोहफा दिया है।
सीएम बनने के बाद 9वीं बार नोएडा पहुंचे
मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी नोएडा का यह नौवां दौरा है। इससे पहले हालांकि उप्र के मुख्यमंत्री इसलिए नोएडा नहीं जाते थे क्योंकि इस बात का मिथक फैलाया गया था कि जो लोग मुख्यमंत्री रहते हुए नोएडा जाते हैं अगली बार यूपी में उनकी सरकार की वापसी नहीं होती है। हालांकि इन सबसे परे हटकर योगी सोमवार को लगातार नौंवी बार यहां एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे।
सत्ता जाने के डर से अखिलेश नहीं गए, मायावती एक बार पहुंचीं लेकिन सत्ता में वापस नहीं आयीं
इसी भ्रांति को लेकर पूर्व मुख्मयंत्री अखिलेश यादव अपने पांच साल के कार्यकाल 2012-2017 के दौरान एक बार भी नोएडा के दौरे पर नहीं गए। हालांकि यह मिथक उनके काम नहीं आया और नोएडा न जाने का भी लाभ उनको नहीं मिला। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता उनके हाथ से चली गई। इससे पहले 2007-2012 के बीच पूर्व सीएम मायावती ने भी नोएडा से दूरी बना ली थी। हालांकि वह एक बार नोएडा गईं थी लेकिन चुनाव के बाद उप्र में दोबारा सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो पायीं।